नया सवेरा : सुखदेव मीणा बैनाड़ा

              नया सवेरा

(१)

जग में जो आता जाता है ।
यहाँ नहीं कोई टिक पाता है ।।
एक गए दूजा आता है ।
समय सदा चलता जाता है ।।

(२)
जैसे-जैसे दिन जाता है ।
नया पुराना हो जाता है ।।
बीता हुआ न कल आता है ।
वैसे तो कल, कल आता है ।।

(३)
जीवन में सुख दुःख आता है ।
रात गए ज्यों दिन आता है ।।
जो बीते सो सह जाता है ।
जग जीवन ऐसे जाता है ।।

(४)
मरने को सब जग जीता है ।
जीने को बिरला जीता है ।।
राम नाम रस जो पीता है ।
सच में वही जीवन जीता है ।।

(५)
सब चाहा कब मिल पाता है ।
मिलता जैसे मिल पाता है ।।
जो करता जैसा पाता है ।
किया कभी न मिट पाता है ।।

(६)
खोए बिनु न कुछ पाता है ।
जीवन भी खोकर पाता है ।।
सुख जग में सबको भाता है ।
दुःख में बस रोना आता है ।।

(७)
जीवन बस जीता जाता है ।
नया सवेरा कल आता है ।।
पता नहीं कल क्या लाता है ।
आशा में जीवन जाता है ।।

(८)
चहो वही न मिल पाता है ।
पल में बहुत बदल जाता है ।।
कुछ न कुछ देकर जाता है ।
नया सवेरा फिर आता है ।।
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सुखदेव मीणा +918561035806
गाँव-मकठोट , तहः-टोडाभीम
जिला-करौली , राजस्थान

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